सब कहते हैं कि भगवान हर जगह नहीं हो सकता है इसीलिए उसने माँ बनाई मगर इसके आगे एक लाइन और भी हैं जो कोई नहीं बताता कि
कुछ काम है जो भगवान भी नहीं कर सकता इसीलिए उसने पिता को बनाया है
आसान होता है क्या अपना निवाला किसी और को खिला देना
अपना ज़मीर अपनी खुद्दारी किसी और के लिए वार देना
जो उम्र भर में कमाया है वो नाम वो शोहरत किसी और को यूं ही बांट देना
उठाए होंगे भगवान ने पर्वत अपनी उँगलियों पर मगर तुम्हारे पिता ने तुम्हारे सपने अपनी पलकों पे उठाए है
जो ख़ुद कभी अपने लिए नहीं किए तुम्हारे वो ख़र्चे उठाए हैं
तुम्हारी माँ जो निवाला लिए तुम्हारे पीछे दौड़ती है
उस एक टुकड़े के लिए तुम्हारे पिता की हथेली ना जाने कितने पत्थर तोड़ती है
अपने बालों की सफ़ेदी अपने चेहरे की झुर्रियां तक उन्हें नहीं दिखती है
ना जाने कौनसी मिट्टी के बने है वो जो कभी उनकी तबीयत नहीं बिगड़ती है
मेरी या माँ की बीमारी पर वो ना जाने कितने अस्पतालों में दौड़ जाते हैं
ख़ुद को चाहे कुछ भी हो जाये, एक चाय और एक Tablet में ठीक हो जाते हैं
अपनी जवानी पर जो गुरुर करते हो ना तुम
ये उन्हीं की जवानी है जो उन्होंने तुम पर लुटाई है
जो बात बात पर तुम उन्हें गर्मी दिखाते हो ना
यकीन ना आए तो दादा – दादी से पूछ लेना
ये गर्मी उन्हीं के खून से आयी है
माँ का दूध पिया है तुमने मगर ये भी याद रखना की
पिता ने भी अपने खून की एक एक बूँद तुम पर लुटाई है
मगर
जब बूढे हो जाएंगे वो बाजू जिन्होंने तुम्हें खिलाया था
जब कांपने लगेंगे वो हाथ जिन्होंने तुम्हें दुनिया थामना सिखाया था
तब तुम शायद खींजने लगों उनकी हर बात पे
तुम्हारा सब्र बिखरने लगे तुम्हें उनकी हर बात अखरने लगे
तो बस इतना याद रखना कि ये तुम्हारा भूत और भविष्य है
तुम कभी इतने ही बेबस थे तुम कभी इतने ही बेबस रहोगे
तो बस तुम तब उन्हें वैसे ही सम्भालना जैसे उन्होंने तुम्हें कभी सम्भाला था
और तुम देखना वो जाते जाते भी तुम्हारे लिए अपना रोम रोम लुटा देंगे
क्यूंकि वो पिता है तुम्हारे
जब दांत कमजोर हो जायेंगे ना उनके
वो तब भी रोटी की किनारे खा जाएंगे
और नरम हिस्सा तुम्हारे लिए छोड़ देंगे
ना जाने वो कौनसा जादूगर है जिसने पत्थर से सीने में धड़कता दिल लगाया है
कुछ काम है जो भगवान भी नहीं कर सकता इसीलिए उसने पिता को बनाया है
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